RTI ACTIVISTS FORUM M.P.

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मंगलवार, 23 जून 2015

आरटीआई - सात अफसरों पर 25-25 हजार का जुर्माना

लखनऊ. राज्य सूचना आयुक्त हाफिज उस्मान ने आरटीआई एक्ट का उल्लंघन करने वाले सात अफसरों पर 25 - 25 हजार रुपये का जर्माना लगाया है। साथ ही चार मामलों में उच्चाधिकारियों को जांच के आदेश दिए हैं। जिन अफसरों पर जुर्माना लगाया गया है उनमें संभल के सीएमओ. विद्युत वितरण खंड के अधिशासी अभियंता, जिला पंचायत अधिकारी, कानपुर के क्षेत्रीय दुग्ध विकास अधिकारी, ग्रामीण अभियंत्रण विभाग के निदेशक और उप्र फुटबाल संघ के सचिव प्रमुख हैं।

शनिवार, 13 जून 2015

आइसना एवं RTI फोरम संगठन का संभागीय अधिवेसन 26 जून को खुजराहो में

Toc News @ khujraho

26 जून 2015 को RTI राष्ट्रीय स्तरीय फोरम संगठन व् (आइसना) ऑल इण्डिया स्माल न्यूज़ पेपर संगठन का संभागीय अधिवेसन

पर्यटन नगरी खजुराहो में 26 जून 2015 को RTI राष्ट्रीय स्तरीय फोरम संगठन व् (आइसना) ऑल इण्डिया स्माल न्यूज़ पेपर संगठन का संभागीय अधिवेसन किया जा रहा है. जिसमें आप सबकी उपस्थिति सादर बंदनीय है इस कार्यक्रम में पर्यटन नगरी खजुराहो में 26 जून 2015 को RTI राष्ट्रीय स्तरीय फोरम संगठन व् ऑल इण्डिया स्माल न्यूज़ पेपर संगठन का संभागीय अधिवेसन किया जा रहा है. जिसमें आप सबकी उपस्थिति सादर बंदनीय है इस कार्यक्रम में
1.सूचना का अधिकार के नियम में आवश्यक संशोधन करवाये जाने के बारे में विचार किया जाना है।
2. पत्रकार्ता से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की जानी है
3. इस कार्यक्रम में पत्रकारिता जगत में अपनी कलम का लोहा मनवा चुके नामचीन पत्रकारों का सम्मान किया जाना होगा.
4. सुचना का अधिकार के RTI के सम्बन्ध में नागरिको को जागृत करने वाले व् राजनेतिक क्षेत्र से जनता की लड़ाई लड़ने वाले राजनेता व् बुंदेलखंड के बिकास के सम्बन्ध में कार्य करने वाले समाज सेबियो व अधिकारीओ का भी सम्मान किया जाना हे इस कार्यक्रम में दिल्ली भोपाल सतना सागर से न्यूज़ चैनल व् न्यूज़ पेपर से नामचीन पत्रकार पधार रहे है. इनके आलावा खजुराहो के लोकप्रिय सांसद नागेन्द्र सिंह जी फ़िल्म एक्टर राजा बुन्देला जी संभागीय कमिश्नर आर के माथुर जी जिले डीएम मसूद अख्तर जी एस पी ललित सक्वार् जी विधायक विक्रम जी नगर पालिका अध्यक्ष अर्चना सिंह जी नगर परिषद अध्यक्ष महारानी कविता सिंह जी भाजपा की युबा पहचान पुष्पेन्द्र सिंह गुड्डू राजा जी डिप्टी कलेक्टर एसडीऍम एसडीओपी तहसीलदार टीआई CIO Cmo Sdo को अमंत्रित किया गया है.

कार्यक्रम स्थल यूथ हॉस्टल खजुराहो समय सुबह 10 से साम 6 तक  कार्यक्रम के अयोजक देवेन्द्र चतुर्वेदी सम्भागीय अध्यक्ष RTI एवं जिला अध्यक्ष ऑल इंडिया स्माल न्यूज़ पेपर संगठन व् सांसद मिडिया प्रभारी खजुराहो व विनय जी डेविड RTI व् "आल इण्डिया स्माल न्यूज पेपर एसोशिएशन" के प्रदेश महासचिव का भी सम्मान किया जाना है

शुक्रवार, 12 जून 2015

फर्म्स एवं सोसायटी विभाग में आरटीआई नियम लागू नहीं

Bhopal @ Vinay David


भोपाल। प्रदेश स्थित फर्म्स एवं संस्थाएं विभाग में सूचना के अधिकार के तहत अपने नियम बनाकर राष्ट्रीय नियमों को दरकिनार करके 10 गुना अधिक फीस सूचना मांगने वालों से वसूली जाती है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार मध्यप्रदेश वाणिज्य विभाग के अंतर्गत आने वाले उक्त विभाग रजिस्ट्रार फर्म एवं संस्थाएं द्वारा आरटीआई के तहत आने वाले आवेदनों को 10 गुन अधिक यानी 20रू. एवं 40 रू प्रति काॅपी के हिसाब जानकारी देने के लिये, लिखकर बकायदा मांगे जाते हैं, आर टी आई कार्यकर्ताों ने एतराज करते हुये, कहा कि मप्र का उक्त विभाग पूरे देश नियमों से कैसे अलग हो सकता है।

पूरे देश में सूचना के अधिकार के तहत 2 रूपये प्रति पेज जानकारी के हिसाब से लिये जाने का नियम हैं, जबकि म.प्र. उक्त विभाग ने अपने मनमाने नियम थोपकर उन्हें जोड़तोड़ से प्रकाशित कर सूचना अधिकार को हतोत्साहित करने के लिये अलग नियम बना लिये हैं और आश्चर्य की बात यह है कि म.प्र. सरकार और केन्द्र सरकार को कई बार शिकायतें होने के बाद भी उक्त विभाग द्वारा 10 गुना वसूली जारी है।

इससे आरटीआई मांगने वाले लोगों में भारी असंतोष है, केन्द्रीय और राज्य सूचना आयोग आरटीआई कार्यकर्ताओं के राष्ट्रीय संगठन RTI ACTIVISTS FORUM  ने मांग की है कि जनहित में 10 गुना अधिक पैसे लेने के नियम को तुरंत खत्म किया जाये और इस नियम को बनाने की कार्यवाही की जाये।

आरोप, प्रत्यारोप, शिकायतें एवं समाचार कृपया इस ईमेल timesofcrime@gmail.com पर भेजें। यदि आप अपना नाम गोपनीय रखना चाहते हैं तो कृपया स्पष्ट उल्लेख करें। आप हमें 9893221036 पर whatsapp भी कर सकते हैं। अपनी प्रतिक्रियाएं कृपया नीचे दर्ज करें।


आरटीआई एक्टिविस्ट्स फोरम इंडिया यूनिट मध्यप्रदेश में हर सम्भाग और जिला में इकाइयों का गठन किया जाना है। गैर राजनैतिक साथी आमन्त्रित हैं। प्लीज हमसे संपर्क कीजिये।

विनय जी. डेविड
प्रदेश महासचिव ( म.प्र.)
+919893221036
RTI ACTIVISTS FORUM M.P.
राष्ट्रीय स्तरीय फोरम (संगठन)

RTI प्रथम अपील कब और कैसे करें

प्रथम अपील कब और कैसे करें
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प्रस्तुत - RTI rti

आपने सूचना पाने के लिए किसी सरकारी विभाग में आवेदन किया है, 30 दिन बीत जाने के बाद भी आपको सूचना नहीं मिली या मिली भी तो ग़लत और आधी-अधूरी अथवा भ्रामक। या फिर सूचना का अधिकार क़ानून की धारा 8 के प्रावधानों को तोड़-मरोड़ कर आपको सूचना देने से मना कर दिया गया। यह कहा गया कि फलां सूचना दिए जाने से किसी के विशेषाधिकार का हनन होता है या फलां सूचना तीसरे पक्ष से जुड़ी है इत्यादि। अब आप ऐसी स्थिति में क्या करेंगे? ज़ाहिर है, चुपचाप तो बैठा नहीं जा सकता। इसलिए यह ज़रूरी है कि आप सूचना का अधिकार क़ानून के तहत ऐसे मामलों में प्रथम अपील करें।

जब आप आवेदन जमा करते हैं तो उसके 30 दिनों बाद, लेकिन 60 दिनों के अंदर लोक सूचना अधिकारी से वरिष्ठ अधिकारी, जो सूचना क़ानून के तहत प्रथम अपीलीय अधिकारी होता है, के यहां अपील करें। यदि आप द्वारा अपील करने के बाद भी कोई सूचना या संतोषजनक सूचना नहीं मिलती है या आपकी प्रथम अपील पर कोई कार्रवाई नहीं होती है तो आप दूसरी अपील कर सकते हैं। दूसरी अपील के लिए आपको राज्य सूचना आयोग या केंद्रीय सूचना आयोग में जाना होगा। फिलहाल इस अंक में हम स़िर्फ प्रथम अपील के बारे में ही बात कर रहे हैं। हम प्रथम अपील का एक प्रारूप भी प्रकाशित कर रहे हैं।

प्रथम अपील के लिए आमतौर पर कोई फीस निर्धारित नहीं है। हालांकि कुछ राज्य सरकारों ने अपने यहां प्रथम अपील के लिए भी शुल्क निर्धारित कर रखा है। प्रथम अपील के लिए कोई निश्चित प्रारूप (फॉर्म) नहीं होता है। आप चाहें तो एक सादे काग़ज़ पर भी लिखकर प्रथम अपील तैयार कर सकते हैं। हालांकि इस मामले में भी कुछ राज्य सरकारों ने प्रथम अपील के लिए एक ख़ास प्रारूप तैयार कर रखा है। प्रथम अपील आप डाक द्वारा या व्यक्तिगत रूप से संबंधित कार्यालय में जाकर जमा करा सकते हैं।

प्रथम अपील के साथ आरटीआई आवेदन, लोक सूचना अधिकारी द्वारा उपलब्ध कराई गई सूचना (यदि उपलब्ध कराई गई है तो) एवं आरटीआई आवेदन के साथ दिए गए शुल्क की रसीद आदि की फोटोकॉपी लगाना न भूलें। इस क़ानून के प्रावधानों के अनुसार, यदि लोक सूचना अधिकारी आपके द्वारा मांगी गई सूचना 30 दिनों के भीतर उपलब्ध नहीं कराता है तो आप प्रथम अपील में सारी सूचनाएं नि:शुल्क उपलब्ध कराने के लिए भी कह सकते हैं। इस क़ानून में यह एक बहुत महत्वपूर्ण प्रावधान है। भले ही सूचना हज़ार पन्नों की क्यों न हो। हम उम्मीद करते हैं कि आप इस अंक में प्रकाशित प्रथम अपील के प्रारूप का ज़रूर इस्तेमाल करेंगे और अन्य लोगों को भी इस संबंध में जागरूक करेंगे।

गुरुवार, 11 जून 2015

"देवेन्द्र चतुर्वेदी" सागर "सम्भाग अध्यक्ष" नियुक्त

"देवेन्द्र चतुर्वेदी" सागर "सम्भाग अध्यक्ष" नियुक्त

राष्ट्रीय स्तरीय फोरम (संगठन)
RTI ACTIVISTS FORUM M.P. की सागर सम्भाग इकाई में पत्रकार, एवं आर टी आई कार्यकर्ता साथी "देवेन्द्र चतुर्वेदी" खुजराहो को " सागर सम्भाग का अध्यक्ष "नियुक्त" किया जाता हैं।
सम्पर्क मोबाइल- +919425146179

"देवेन्द्र चतुर्वेदी जी" को सागर "सम्भाग अध्यक्ष" बनाये जाने पर हार्दिक बधाईयां...
💐💐💐💐💐
शुभकामनाओं सहित:
समस्त सदस्य एवं पदाधिकारी गण

सैयद महमूद अली चिश्ती, प्रांताध्यक्ष सूचना का अधिकार मंच भारत, शाखा: मध्यप्रदेश
+91 94250 41700

विनय जी. डेविड
प्रदेश महासचिव ( म.प्र.)
+9198932 21036
RTI ACTIVISTS FORUM M.P.
राष्ट्रीय स्तरीय फोरम (संगठन)
11/06/2015

मंगलवार, 2 जून 2015

27 मई से बी डी ए भोपाल के "सूचना के अधिकार" का कार्य भगवान भरोसे

27 मई से बी डी ए भोपाल के "सूचना के अधिकार" का कार्य भगवान भरोसे
Toc News @ bhopal
भोपाल . "सूचना के अधिकार" के विभाग के सूचना अधिकारी के निलंबित होने के बाद भोपाल विकास प्राधिकरण में सूचना के अधिकार का काम भगवान भरोसे चल रहा है. सूचना के तहत जानकारी चाहने वाले लगातार चक्कर लगा रहे है. जिस पर सूनने वाला कोई नही.
ज्ञात हो की मोदी का एक प्ररकरण में 21 मई को निलंवित कर दिये गये जिसके बाद 26 को मुकुल गुप्ता को सूचना अधिकारी का प्रभार सौपा गया दो दिन कार्य करने के बाद वो भी अवकाश में निकल लिये.

इसके बाद आर के खरे को प्रभार दिया गया उनकी रूचि नही होने के कारण उनका आदेश निरस्त कर श्रीमति लता अग्रवाल को नियमित कार्य करने को आदेशित किया परन्तु उन्होने भी अवकाश का रास्ता पकड लिया. आज खबर लिखे जाने तक सूचना विभाग का कार्य भगवान भरोसे चल रहा है. बीडीए का सत्यानाश करने वाले प्रभारियों की वजह से सरकारी योजनाओं का बन्टाधार हो रहा है.

सोमवार, 1 जून 2015

मध्यप्रदेश, सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 / प्रारूप

सूचना का अधिकार अधिनियम

सूचना का अधिकार क्या है- सूचना के अधिकार के तहत भारत का कोई भी नागरिक, किसी भी लोक प्राधिकारी अथवा उसके नियंत्रणाधीन, किन्ही भी दस्तावेजों#अभिलेखों का निरीक्षण कर सकता है, इन अभिलेखों#दस्तावेजों की प्रामाणिक प्रति प्राप्त कर सकता है, जहां सूचना किसी कम्प्यूटर या अन्य युक्ति में भंडारित है, तो ऐसी सूचना को फ्लापी#डिस्केट#टेप या वीडियो कैसेट के रूप में प्राप्त कर सकता है। साथ ही इस अधिकार के तहत सामग्री के प्रामाणिक नमूने लेने का भी प्रावधान है।
सूचना किससे मांगी जा सकती है- इस अधिनियम के तहत किसी भी शासकीय कार्यालय से जानकारी मांगी जा सकती है। इसके साथ ही स्वायत्त शासन या निकाय या संस्था, जो संविधान के द्वारा या संसद द्वारा बनाये गये विधि द्वारा या राज्य विधानमण्डल द्वारा बनाये गये विधि से या सरकार द्वारा जारी की गई अधिसूचना या किये गये आदेश द्वारा स्थापित या गठित है, से भी जानकारी मांगी जा सकती है। ऐसे अशासकीय संगठन, जिनके वार्षिक 'टर्नओवर' का पचास प्रतिशत या रुपये पचास हजार, जो भी कम हो, शासन या उसकी किसी संस्था से अनुदान के रूप में या अन्यथा वित्तीय रूप से पोषित होने पर ऐसी संस्थाओं से भी सूचना मांगी जा सकती है।
सूचना प्राप्त करने हेतु निर्धारित शुल्क- इस अधिनियम के तहत जानकारी प्राप्त करने हेतु राज्य शासन द्वारा सूचना का अधिकार (फीस एवं अपील) नियम, 2005 बनाये गये हैं, जो कि दिनांक 10 नवंबर, 2005 के राजपत्र में भी प्रकाशित हैं। सूचना प्राप्त करने हेतु निर्धारित शुल्क निम्नानुसार है :-

1. आवेदन शुल्क-         रुपये 10/-
2.प्रथम अपील शुल्क-   रुपये 50/-

3. द्वितीय अपील शुल्क- रुपये 100/-

4. प्रमाणित प्रति शुल्क-

रुपये 2/- प्रति पृष्ठ
(ए-3, ए-4 साइज पेपर हेतु)

5. निरीक्षण शुल्क-

प्रथम घंटा अथवा उससे कम समय के लिए रुपये 50#-, तथा उसके पश्चात रुपये 25/- प्रत्येक 15 मिनिट अथवा उसके भाग के लिए।

6. फ्लापी या डिस्केट में जानकारी हेतु शुल्क

रुपये 50/- प्रति फ्लापी#डिस्केट

7. सत्यापित नमूना हेतु शुल्क

जैसा कि लोक सूचना अधिकारी द्वारा निर्धारित किया जाए।

उपरोक्तानुसार निर्धारित शुल्क नगद अथवा नॉन ज्यूडिशियल स्टाम्प के रूप में जमा किया जा सकता है।
गरीबी रेखा के नीचे के व्यक्ति के लिए विशेष प्रावधान- गरीबी रेखा से नीचे के व्यक्ति को सत्यापित नमूने (उपरोक्त अनुक्रमांक-7 पर उल्लेखित) के शुल्क को छोड़कर अन्य सभी शुल्कों (अनुक्रमांक 1 से 6 तक उल्लेखित) से छूट प्राप्त है। इस प्रकार गरीबी रेखा से नीचे का व्यक्ति सत्यापित नमूने को छोड़कर अन्य सभी जानकारी नि:शुल्क प्राप्त कर सकता है एवं उसे आवेदन तथा अपील शुल्क से भी छूट प्राप्त है।

सूचना प्राप्त करने की प्रक्रिया- 
राज्य शासन के प्रत्येक विभाग द्वारा उनके अधीनस्थ कार्यालयों में सहायक लोक सूचना अधिकारी#लोक सूचना अधिकारी एवं अपीलीय प्राधिकारी नामांकित किये है। जानकारी प्राप्त करने के लिये व्यक्ति को, जिस कार्यालय से संबंधित जानकारी प्राप्त करना हो, उस कार्यालय के लोक सूचना अधिकारी को मांगी गई सूचना का स्पष्ट उल्लेख करते हुये आवेदन करना होगा। आवेदन पत्र में संपर्क पता स्पष्ट रूप से अंकित किया जाना चाहिये। आवेदन पत्र के साथ निर्धारित शुल्क, नॉन ज्युडिशियल स्टाम्प के रूप में अथवा संबंधित कार्यालय में नगद रूप से जमा किया जा सकता है यदि आवेदक अभिलेखों का निरीक्षण करना चाहता है अथवा प्रमाणित नमूना चाहता है तो इस संबंध में स्पष्ट उल्लेख आवेदन में किया जायेगा। लोक सूचना अधिकारी द्वारा आवेदन प्राप्त होने पर सूचना की लागत के संबंध मेें आवेदक को सूचित किया जायेगा।

 आवेदक द्वारा सूचना की लागत नगद रूप से संबंधित कार्यालय में अथवा नॉन ज्यूडिशियल स्टाम्प के रूप में जमा किये जाने पर आवेदक को लोक सूचना अधिकारी द्वारा जानकारी उपलब्ध कराई जायेगी। लोक सूचना अधिकारी द्वारा 30 दिन के अंदर आवेदक को जानकारी उपलब्ध कराना है, परन्तु राशि जमा करने की सूचना भेजने एवं आवेदक द्वारा राशि जमा करने की तिथि के बीच की अवधि उक्त गणना में शामिल है।

जानकारी उपलब्ध न कराने पर दंड- 

यदि लोक सूचना अधिकारी द्वारा आवेदन लेने से इंकार किया जाता है, समय सीमा के अंदर सूचना नहीं दी जाती है या असद्भावना पूर्वक सूचना देने से इंकार किया जाता है या जानबूझकर गलत, अपूर्ण या भ्रामक जानकारी दी जाती है या सूचना को नष्ट किया जाता है, तो ऐसी परिस्थिति में सूचना आयोग द्वारा लोक सूचना अधिकारी को दंडित किया जा सकता है। यह दंड 250 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से कुल 25000 रुपये तक का हो सकता है। इसके साथ ही सूचना आयोग, लोक सूचना अधिकारी के उपरोक्त कृत्यों के लिये सेवा नियमों के अधीन अनुशासनात्मक कार्यवाही के लिये राज्य सरकार को सिफारिश भी कर सकता है।
नोट :- सूचना का अधिकार अधिनियम, 05 अंतर्गत जारी अधिसूचना#परिपत्र तथा अन्य जानकारी सामान्य प्रशासन विभाग की वेबसाइट www.mp.nic.in/gad पर 'Right to Information' लिंक पर उपलब्ध है।

सूचना का अधिकार अधिनियम-2005
(सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 की धारा (6)
(1) के अंतर्गत जानकारी प्राप्त करने हेतु
आवेदन पत्र का प्रारूप)
1. आवेदक का नाम.....................................................................................................
2. पूरा पता#ई-मेल#फैक्स जिस पर जानकारी प्रेषित की जाना है।....................................
3. दूरभाष क्रमांक..........................................................................
4. आवेदन देने का दिनांक...........................................................
5. कार्यालय का नाम.....................................................................
6. चाही गई जानकारी का विवरण.................................................
7. क्या चाहते है नकल#निरीक्षण#रिकार्ड निरीक्षण#रिकार्ड की प्रमाणित प्रति#प्रमाणित नमूना
8. आवेदक के साथ अदा किये जाने वाले प्रोसेस फी-रुपये 10 नगद#स्टॉम्प (वीपीएल सूची के सदस्य को देय नहीं) रसीद क्र...........................एवं दिनांक................................
9. क्या आवेदक गरीबी की रेखा के नीचे है अथवा नहीं- हां#नहीं यदि हां तो वी.पी.एल. सूची का अनुक्रमांक।
हस्ताक्षर
(आवेदनकर्ता)
टीप :- यदि आवेदक द्वारा डाक से आवेदन प्रेषित किया जाता है तो आवेदन पत्र पर रुपये 10 का नॉन ज्यूडीशियल स्टाम्प चस्पा करते हुए स्वयं का पता अंकित करते हुए आवश्यक राशि का डाक टिकिट लगा लिफाफा संलग्न प्रेषित करें।
पावती
1. आवेदन प्राप्त होने का दिनांक..................................................................
2. आवेदनकर्ता को वांछित जानकारी प्राप्त करने के संबंध में अग्रिम कार्यवाही हेतु उपस्थित होने का दिनांक
3. संबंधित शाखा#अधिकारी जहां से जानकारी उपलब्ध होगी........... (लोक सूचना अधिकारी#सहायक लोक सूचना अधिकारी द्वारा प्राधिकृत)

प्राप्तकर्ता के हस्ताक्षर

पदनाम (रबर सील)